पुं० [सं०√म्ना (अभ्यास)+मनिन्] १. वह शब्द या पद जिसका प्रयोग किसी तत्त्व, प्राणी या वस्तु अथवा उसके किसी वर्ग या समूह का परिज्ञान अथवा बोध कराने के लिए उसके वाचक के रूप में किया जाता है और जिससे वह लोक में प्रसिद्ध होता है। आख्या। संज्ञा। जैसे–(क) इस रंग का नाम लाल है। (ख) इस फल का नाम आम है। (ग) इस लड़के का नाम मोहनलाल है। विशेष–हर चीज का कुछ न कुछ नाम इसीलिए रख लिया जाता है कि उसकी पहचान हो सके तथा औरों को सहज में उसका ज्ञान या बोध कराया जा सके। किसी वस्तु या व्यक्ति का नाम लेते ही उसका स्वरूप अथवा उसके संबंध की सब बातें सुननेवाले के ध्यान में आ जाती हैं। प्रयोगों तथा मुहावरों के विचार से नाम कई विशिष्ट तत्त्वों और स्थितियों का भी बोधक होता है। यथा–(क) जब कोई व्यक्ति कुछ अच्छा या बुरा काम करता है, तब लोग उसका नाम लेकर ही कहते हैं कि उसने अमुक काम किया है। इसलिए ‘नाम’ किसी की ख्याति अथवा प्रसिद्धि (अथवा कुख्याति या कुप्रसिद्धि) का भी प्रतीक या वाचक हो गया है। (ख) विशिष्ट प्रसंगों में लोग ईश्वर या उपास्य देव का नाम लेते हैं, इसलिए कभी-कभी यह ईश्वर या देवता का भी वाचक या सूचक होता है। (ग) नाम किसी तत्त्व, वस्तु या व्यक्ति का वाचक मात्र होता है; स्वयं उस तत्त्व, वस्तु या व्यक्ति से उसका कोई आधारिक या तात्त्विक संबंध नहीं होता, इसलिए कुछ अवस्थाओं में यह केवल बाह्य आकृति या रूप अथवा अस्तित्व या सत्ता का ही बोधक होता है; अथवा यह सूचित करता है कि उसे कुछ कहा या किया गया है, वह नामधारी के उद्देश्य या हेतु-मात्र से है। इसी आधार पर लेन-देन आदि व्यवहारों में उस अंश या पक्ष का भी वाचक हो गया है जिसमें किसी को दी हुई या किसी के जिम्मे लगाई हुई कोई चीज या रकम लिखी जाती है। यहाँ जो पद और मुहावरे दिए जाते हैं, वे उक्त सब आशयों के मिले-जुले रूपों से संबद्ध हैं। पद–(किसी के) नाम=किसी के उद्देश्य या हेतु से अथवा किसी के प्रति या उसे लक्ष्य करके। जैसे–(क) पितरों के नाम दान करना। (ख) विधिक क्षेत्र में, किसी के अधिकार या स्वामित्व में। जैसे–उसके कई मकान तो उसकी स्त्री के नाम हैं। नाम का (या को)=दे० ‘नाम मात्र का’ (या को)। नाम-चार का (या को)=दे० ‘नाम-मात्र का’ (या को)। नाम पर=(क) किसी का नाम लेते हुए उसके उद्देश्य या हेतु से। जैसे–बड़ों के नाम पर (या भगवान के नाम पर) कोई काम करना या किसी को कुछ देना। नाम मात्र=नाम लेने या कहने भर के लिए, अर्थात् यथेष्ट और वास्तविक रूप में नहीं, बल्कि जरा-सा या बहुत थोड़ा। जैसे–उनके कथन में नाम मात्र सत्यता है। नाम मात्र का (या को)=उचित, पूर्ण या वास्तविक रूप में नहीं, बल्कि यों ही कहने-सुनने या दिखलाने भर के लिए, और फलतः जरा-सा या थोड़ा-सा। जैसे–दाल में घी तो नाम मात्र का (या को) था। नाम मात्र के लिए=नाममात्र का (या को)। (किसी का) नाम लेकर=नाम का उच्चारण करके। जैसे–जब तुम्हारा नाम लेकर कोई पुकारे तब यहाँ आना। (ईश्वर, देवी-देवता का) नाम लेकर=श्रद्धापूर्वक नाम का उच्चारण और स्मरण करते हुए और शुद्ध हृदय से। जैसे–भगवान का नाम लेकर चल पड़ो। नाम से=(क) नामदारी को जिम्मेदार ठहराते या बतलाते हुए और उसके नाम का उपयोग करते हुए। जैसे–(क) किसी के नाम से खाता खोलना या मकान खरीदना। (ख) नाम का उच्चारण होते ही। नाम भर लेने पर। जैसे–अब तो वह तुम्हारे नाम से काँपता है। (ग) दे० ऊपर ‘नाम पर’। मुहा०–(किसी का) नाम उछलना=बहुत अपकीर्ति, निंदा या बदनामी होना। (अपना या बड़ों का) नाम उछालना=ऐसा घृणित या निंदनीय काम करना कि अपनी या पूर्वजों की बदनामी हो। नाम उठ जाना=अस्तित्व या सत्ता न रह जाना। जैसे–आज-कल संसार से भलमनसत का नाम ही उठ गया है। नाम कमाना=कीर्ति या यश संपादित करते हुए प्रसिद्ध या मशहूर होना। ऐसी उत्कृष्ट स्थिति में होना कि लोग बहुत दिनों तक याद रखे। जैसे–यह धर्मशाला बनवाकर वह भी अपना नाम कर गए। (किसी बात में किसी दूसरे का) नाम करना=दे० नीचे ‘(किसी दूसरे का) नाम लगाना।’ (किसी के) नाम का कुत्ता न पालना=किसी को इतना घृणित, तुच्छ या नीच समझना कि उसका नाम तक लेना या सुनना भी बहुत अप्रिय या बुरा लगे। जैसे–हम तो उसके नाम का कुत्ता भी ना पालें। (कोई काम अपने) नाम के लिए करनाँ=कोई काम केवल कीर्ति या प्रसिद्धि प्राप्त करने अथवा मर्यादा की रक्षा के उद्देश्य से करना। (कोई काम) नाम के लिए या नाममात्र के लिए करना=मन लगाकर या वास्तव में नहीं, बल्कि केवल कहने-सुनने या दिखलाने भर के लिए थोड़ा-सा कार्य या यों ही करना। नाम को मरना=नाम की मर्यादा या लज्जा रखने अथवा कीर्ति या यश बनाये रखने के लिए यथासाध्य प्रयत्न करते रहना। (किसी का) नाम चमकना=चारों ओर कीर्ति परंपरा, वंश आदि का अस्तित्व या क्रम चलता या बना रहना। नाम जगना=(क) ख्याति या प्रसिद्धि होना। (ख) फिर से किसी के नाम की ऐसी चर्चा या प्रचार होना कि लोगों में उसकी स्मृति जाग्रत हो। (किसी का) नाम जगाना=ऐसा काम करना जिससे किसी की याद या स्मृति बनी रहे। (किसी का) नाम जपना=प्रेम, भक्ति श्रद्धा आदि से प्रेरित होकर बराबर किसी का नाम लेते रहना या उसे याद करते रहना। (कोई चीज या रकम किसी के) नाम डालता=बही-खाते में, किसी के नाम के आगे लिखना। यह लिखना कि अमुक चीज या रकम अमुक व्यक्ति के जिम्मे है या उससे ली जाने को है। जैसे–यह रकम हमारे नाम डाल दो। नाम डुबाना=कलंक या लांछन के पात्र बनकर प्रतिष्ठा, मर्यादा आदि नष्ट करना। नाम तक मिटना या मिट जाना=कहीं कुछ भी अवशेष या चिह्न बाकी न रह जाना। (किसी के) नाम देना=खाते में किसी के नाम लिखकर कुछ देना। (किसी को कोई) नाम देना=किसी का नामकरण करना। नाम रखना। (दे० नीचे) (किसी को किसी देवता का) नाम देना=धार्मिक क्षेत्रों में, गुरु बनकर किसी को किसी देवता के नाम या मंत्र का उपदेश देना। (किसी वस्तु या व्यक्ति का) नाम धरना=(क) नाम रखना या स्थिर करना। नामकरण करना। (ख) कोई ऐब या दोष लगाकर बुरा ठहराना या बतलाना। निंदा या बदनामी करना। नाम धरना=(क) नाम स्थिर करना। (ख) लोगों में निंदा या बदनामी कराना। नाम न लेना=अरुचि, घृणा, दुःख, भय आदि के कारण चर्चा तक न करना। बिलकुल अलग या दूर रहना। मन में विचार न करना। जैसे–अब वह कभी वहाँ जाने का नाम न लेगा। नाम निकलना या निकल जाना=किसी बात के लिए नाम प्रसिद्धि हो जाना। किसी विषय में ख्याति हो जाना। (अच्छी और बुरी सभी प्रकार की बातों के लिए युक्त) नाम निकलवाना=(क) किसी प्रकार की ख्याति या प्रसिद्धि कराना। (ख) कोई चीज चोरी जाने पर टोने-टोटके, मंत्र-यंत्र आदि की सहायता से यह पता लगाना कि वह चीज किसने चुराई है। नाम निकालना=(क) किसी काम या बात के लिए नाम प्रसिद्धि करना (ख) टोने-टोटके, मंत्र-यंत्र आदि की सहायता से अपराधी या दोषी के नाम का पता लगाना। नाम पड़ना=नाम निश्चित होना या रखा जाना। नामकरण होना। (कोई चीज या रकम किसी के) नाम पड़ना=बही-खाते आदि में यह लिखा जाना कि अमुक चीज या रकम अमुक व्यक्ति को दी गई है और वह चीज या उसका मूल्य उससे लिया जाने को है। (किसी के) नाम पर बैठना=(क) किसी के भरोसे या विश्वास पर संतोष करके चुपचाप तथा धैर्य-पूर्वक पड़े रहना या बैठे रहना। जैसे–हम तो ईश्वर के नाम पर बैठे ही हैं, जो चाहेगा सो करेगा। (ख) किसी की प्रतिष्ठा की रक्षा के विचार से शांत स्थिर भाव से दिन बिताना। जैसे–उसे विधवा हुए दस वर्ष हो गए; पर आज तक वह अपने पति के नाम पर बैठी है। (किसी के) नाम पर मरना या मिटना=किसी की प्रतिष्ठा या मान-रक्षा के लिए अथवा किसी के प्रेम के आवेग में बहुत-कुछ कष्ट या हानी सहना। जैसे–जाति या देश के नाम पर मरना या मिटना। नाम-पाना=कोई अच्छा काम करके ख्यात या प्रसिद्ध होना। नाम बद या बदनाम करना=ऐब या कलंक लगाना। बदनामी करना। (किसी का) नाम बिकना=ख्याति या प्रसिद्धि हो चुकने पर आदर, प्रचार आदि होना। नाम भर बाकी रहना=और सब बातों का अंत हो जाने पर भी कीर्ति, यश आदि के रूप में केवल नाम की याद या स्मृति बच रहना। जैसे–अब तो इंद्रप्रस्थ का नाम बाकी है। (किसी का) नाम रखना=(क) नाम निश्चित करना। नामकरण करना। कीर्ति या यश सुरक्षित रखना। (ग) किसी चीज या बात में कोई कलंक या दोष निकालना या लगाना। बदनाम करना। (अपकार, अपराध आदि के संबंध में, किसा का) नाम लगना=झूठ-मूठ यह कहा जाना कि अमुक व्यक्ति ने यह अपकार या अपराध किया है। किसी के सिर झूठा कलंक मढ़ा जाना। जैसे–किताब फाड़ी तो उस लड़के ने और नाम लगा तुम्हारा। (किसी का) नाम लगाना=किसी अपराध या दोष के संबंध में किसी के सिर झूठा कलंक मढ़ना। अपराध का कलंक लगाना। जैसे–तुम्हीं ने सारा काम बिगाड़ा, और अब दूसरों का नाम लगाते हो। (कोई चीज या रकम किसी के) नाम लिखना=दे० ऊपर (कोई चीज या रकम किसी के) नाम डालना। (किसी का) नाम लेना=(क) नाम का उच्चारण करना। नाम जपना या रटना। जैसे–सबेरे-संध्या कुछ देर तक ईश्वर का नाम लिया करो। (ख) किसी के उपकार आदि के बदले में कृतज्ञतापूर्वक उसके नाम का उल्लेख या चर्चा करना। जैसे–अब तो उनका घर भर तुम्हारा ही नाम लेता है। (ग) यों ही साधारण रूप से उल्लेख या चर्चा करना। जैसे–अब अगर तुमने उनके घर जाने का नाम लिया, तो ठीक न होगा। नाम से पुजना या बिकना=केवल सुनाम प्राप्त हो चुकने अथवा कीर्ति या यश फैल जाने के कारण आदर या सम्मान का भाजन बनना। नाम होना=(क) खूब ख्याति या प्रसिद्धि होना। (ख) दे० ऊपर ‘नाम लगना’।... तो मेरा नाम नहीं=तो समझ लेना कि मैं कुछ भी नहीं हूँ। तो मुझे बिलकुल अकर्मण्य, तुच्छ या हीन समझ लेना। जैसे–यदि मैं उसे हराकर न छोड़ूँ तो मेरा नाम नहीं
नाम (न्) (Nam (n)) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is (नाम (न्) ka matlab english me hai). Get meaning and translation of Nam (n) in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Nam (n) in English? नाम (न्) (Nam (n)) ka matalab Angrezi me kya hai ( नाम (न्) का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने)
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